छोटा महाविद्यालय मगर उड़ान है बाकी.
मंजिल है दूर, मगर हौसला है बाकी.
न सोचना कि हम, थक कर बैठ जायेंगे.
हमने पग बढ़ा दिया है, अपनी मंजिल जरुर पाएंगे.
इन्हीं पंक्तियों के साथ कि हमारा महाविद्यालय अपने सर्वांगीण विकास हेतु निरंतर प्रयासरत है। इस प्रयास में हमारा महाविद्यालयीन परिवार परस्पर सहयोग, समन्वय व निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन करते हैं। शिक्षा व्यक्ति की चेतना को जागृत कर उसे सृजन योग्य बनाती है। जिस व्यवस्था के माध्यम से ज्ञान, सभ्यता, संस्कृति एवं नैतिक मूल्यों को नयी पीढ़ियों में सम्प्रेषित किया जाता है, वह व्यवस्था शिक्षा प्रणाली कहलाती है। हर शैक्षणिक संस्थान की सबसे छोटी परंतु मूलभूत इकाई है छात्र-छात्राएँ। चूँकि हमारा महाविद्यालय कन्या महाविद्यालय है इसलिए हमारा दायित्व किंचित बढ़ जाताहै। मेरी शुभकामनाएँ महाविद्यालय की छात्राओं के लिए है कि वे शिक्षित हों, प्रगति करें और समाज का एक अंग बनकर रचनात्मक कायों में सहयोग दे स्वावलंबी तथा आत्मनिर्भर बनें, साथ की उनमें वैचारिक स्वतंत्रता हो.
Dr. Anita Rajpuria
Govt. Narayan Rao Meghawale Girls College, Dhamtari
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